आज सप्ताह के पहले ही कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुआ। सेंसेक्स (Sensex) लगभग 610 अंक टूटकर 85,102 के स्तर पर और निफ्टी (Nifty 50) 226 अंकों की गिरावट के साथ 26,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे (25,960) पर बंद हुआ। निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये आज स्वाहा हो गए।
आखिर आज बाजार में इतनी बिकवाली क्यों रही? आइए जानते हैं इसके पीछे के 5 मुख्य कारण:
1. अमेरिकी फेड मीटिंग (US Fed Meeting) से पहले डर
बाजार की नजर 10 दिसंबर को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) की बैठक पर टिकी है। दुनिया भर के निवेशकों में एक डर है कि अगर अमेरिका ने ब्याज दरों (Interest Rates) में उम्मीद के मुताबिक कटौती नहीं की, तो डॉलर इंडेक्स और मजबूत हो जाएगा। इसी अनिश्चितता के कारण बड़े निवेशक आज 'Wait and Watch' के मोड में रहे और उन्होंने नई खरीदारी करने के बजाय मुनाफावसूली (Profit Booking) करना बेहतर समझा।
2. विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। दिसंबर के पहले हफ्ते में ही FIIs ने कैश मार्केट में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है। जब तक विदेशी पैसा वापस नहीं आता, बाजार में बड़ी तेजी की उम्मीद करना मुश्किल है। आज की गिरावट में विदेशी बिकवाली ने आग में घी का काम किया।
3. रुपये में ऐतिहासिक कमजोरी (Weak Rupee)
भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तरों (90 रुपये प्रति डॉलर के पार) पर संघर्ष कर रहा है। कमजोर रुपया विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार को कम आकर्षक बनाता है, जिससे वे अपना पैसा निकालकर अमेरिकी बाजार या बॉन्ड मार्केट में लगा रहे हैं। रुपये की यह गिरावट बाजार के सेंटिमेंट को बुरी तरह तोड़ रही है।
4. जापानी बॉन्ड यील्ड में उछाल (Japanese Bond Yields)
ग्लोबल मार्केट में एक नया डर जापान से आया है। जापान में बॉन्ड यील्ड (ब्याज दरें) अचानक बढ़ गई हैं। इसका असर यह होता है कि जिन निवेशकों ने जापान से सस्ता कर्ज लेकर भारत जैसे बाजारों में पैसा लगाया था (Yen Carry Trade), वे अब अपना पैसा वापस खींच रहे हैं। यह एक बड़ा ग्लोबल ट्रिगर था जिसने आज मार्केट को नीचे धकेला।
5. स्मॉल और मिडकैप शेयरों में प्रॉफिट बुकिंग
पिछले कुछ महीनों से स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में अच्छी तेजी थी, लेकिन अब साल का अंत (Year End) करीब है। बड़े फंड हाउस और रिटेल निवेशक छुट्टियों पर जाने से पहले अपना मुनाफा घर ले जाना चाहते हैं। आज सबसे ज्यादा मार मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स पर ही पड़ी, जहां 2% तक की गिरावट देखने को मिली।
आज के टॉप लूजर्स (Top Losers):
बाजार को गिराने में रिलायंस पावर (Reliance Power), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), और इंडिगो (IndiGo) जैसे शेयरों का बड़ा हाथ रहा। रिलायंस पावर पर ED की कार्रवाई की खबरों ने उसे 5% तक तोड़ दिया।
निष्कर्ष:
बाजार अभी एक 'कंसोलिडेशन' (Consolidation) के दौर में है। जब तक अमेरिकी फेड का फैसला नहीं आ जाता और FIIs की बिकवाली नहीं रुकती, बाजार में उतार-चढ़ाव (Volatility) जारी रह सकता है। उत्तम भाई, छोटे निवेशकों के लिए यह समय जल्दबाजी करने का नहीं, बल्कि अच्छे शेयरों को धीरे-धीरे जमा करने का है।














